Suraj Ka Asli Rang Kya Hai?

ANAND
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सूरज की रोशनी पृथ्वी तक पहुंचाने के लिए लगभग 8 मिनट 20 सेकंड का समय लगता है, इतने वक्त के समय में 14 करोड़ 96 लाख किलोमीटर (या 149.6 मिलियन किलोमीटर) का अंतर सूरज की रोशनी सूरत से पृथ्वी तक पहुंचती है. धरती से सूरज को अलग-अलग रंग में दिखाई देता है लेकिन सूरज का असली रंग सफेद होता है.


सूरज को अंतरिक्ष से देखें तो इस प्रकाश को हम सफेद रंग के साथ देख सकते हैं. लेकिन अगर हम इसे सुबह या शाम के समय पृथ्वी से देखें तो हमें ज्यादातर लाल, पीला या नारंगी यह रंग दिखाई देता है. आश्चर्य की बात यह है कि यह वायुमंडल की कुछ बिखराव के कारण दिखाई पड़ता है.


suraj ka asli rang kya hai

सूर्योदय और सूर्यास्त के समय में कुछ समय के लिए सूरज पीला या लाल दिखाई पड़ता है लेकिन यह वायुमंडल के कारण होता है. अगर सूरज को अंतरिक्ष में जाकर देखें तो यह बिल्कुल चांद की तरह सफेद दिखाई पड़ता है. यह जानकर काफी आश्चर्य लगता होगा लेकिन सूरज बिल्कुल ही चांद की तरह सफेद है.


वैज्ञानिक जानकारी के अनुसार सूरज हर सेकंड 38 लाख अरब मेगावॉट (या 3.8 x 10²⁶ वॉट) इतनी ऊर्जा निर्माण करता है, इसमें से पृथ्वी में कुछ ही मात्रा में ऊर्जा का हिस्सा प्राप्त होता है जो पृथ्वी में रहने वाली जीवन के लिए पर्याप्त हैं. सूरज अपनी ऊर्जा न्यूक्लियर फ्यूजन (nuclear fusion) इस प्रक्रिया से उत्पन्न करता है.


लाल नहीं तो फिर क्या होता है सूरज का असली रंग? जानकर हो जाएंगे हैरान

पृथ्वी पर रहने वाले जीवों को सूरज का रंग सुबह शाम और दोपहर के समय अलग-अलग दिखाई पड़ता है. वैज्ञानिक जानकारी के अनुसार सूरज का रंग सफेद है लेकिन पृथ्वी पर उसे देखने में लाल, पीला और नारंगी जैसे कलर में दिखाई देता है. सफेद रंग के अलावा सूरज को अन्य रंग में देखे जाने का कारण यह है कि वायुमंडल में अलग-अलग तरह के गैस, मिट्टी के कन, धूल के कारण प्रकाश को बिखरने का कारण पैदा करती है, जिसके कारण सूरज की रोशनी असली रंग बदलकर नए रंग में दिखाई पड़ती है.


सूर्य की प्रकाश को वायुमंडल में पृथ्वी पर पहुंचने के लिए 14 करोड़ 96 लाख किलोमीटर के अंतर को पार करके आना पड़ता है. यह अंतर पर करने के लिए लगभग 8 मिनट 20 सेकंड का समय लगता है.


सूर्य से निकलने वाली प्रकाश को पृथ्वी तक पहुंचाने के लिए 149.6 मिलियन किलोमीटर लंबा दूरी तय करने में वायुमंडल के कई सारे घटक का सामना करना पड़ता है. जिसमें सूरज की कई सारी ऊर्जा का प्रभाव कम होता है.


सूरज का असली रंगसफेद
धरती से सूरज का दिखने वाला रंग लाल, पीला या नारंगी
पृथ्वी धरती से सूरज की दूरी14 करोड़ 96 लाख किलोमीटर
सूरज से पैदा होने वाली गर्मी 5,500 डिग्री सेल्सियस
सूरज केंद्र का तापमान15 मिलियन °C (1.5 करोड़ डिग्री सेल्सियस)
सूरज ऊर्जा का कारणक्लियर फ्यूजन (nuclear fusion)
पृथ्वी पर सूर्य का प्रकाश पहुंचने तक लगने वाला समय 8 मिनट 20 सेकंड

वायुमंडल से बाहर जाकर सूरज को देखे जाने पर सूरज का रंग सफेद दिखाई देता है.


सूर्योदय और सूर्यास्त के समय वायुमंडल में सूरज की रोशनी ज्यादा अंतर को तय करती है, जिसके कारण सूरज में ज्यादातर सभी रंग का मिश्रण होने के करण नीले रंग की रोशनी दिखाई पड़ती है.


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सूर्य की ऊर्जा को पृथ्वी पर इस्तेमाल करने के तरीके

सूरज लगभग 1 सेकंड में 38 लाख अरब मेगावॉट ऊर्जा को निर्माण करता है लेकिन इसका कुछ ही हिस्सा पृथ्वी तक पहुंचता है, क्योंकि सूर्य की रोशनी पृथ्वी तक पहुंचाने के लिए 8 मिनट 20 सेकंड का समय लगता है जिसमें कई सारी ऊर्जा नष्ट होती हैं. सूर्य की पृथ्वी तक पहुंचने वाली ऊर्जा को मानवीय जीवन के लिए उपयोग में लिया जा सकता है.


सूर्य से मिलने वाली ऊर्जा का इस्तेमाल सोलर पैनल की मदद से बिजली यानी इलेक्ट्रिसिटी बनाने में मदद कर सकते हैं.


होटल और घर में पानी को गर्म करने के लिए सूर्य की गर्मी का इस्तेमाल सोलर वाटर हीटर की मदद से कर सकते हैं.


सोलर कुकर के माध्यम से सूर्य की गर्मी का खाना पकाने के लिए किया जा सकता है जिसके कारण किसी भी ईंधन की जरूरत नहीं पड़ती है.


पर्यावरण को बचाने के लिए सौर ऊर्जा के कई सारे फायदे हैं जिसमें बिजली बिल कम आना प्रदूषण नहीं होना और नवीनीकरण के माध्यम से ऊर्जा का इस्तेमाल करना यह फायदे होते हैं.


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